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बघेली लोक दर्शन

‘बघेली लोक दर्शन’ विंध्य क्षेत्र कि लोक कला, लोक संस्कृति, लोक साहित्य और परम्परा का पहला ऑनलाइन विश्वकोष है | यहाँ सम्पूर्ण बघेलखण्ड क्षेत्र बोली व क्षेत्रगत कलारूपों जनजीवन व लोक साहित्य का क्रमिक विवरण दिया गया है | बघेलखण्ड के तमाम अलग-अलग जिलों उनकी क्षेत्रगत विविधताओं को एक जगह प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि हम “बघेली माटी” को समग्रता में जान सकें | यहाँ पर हम बघेलखण्ड क्षेत्र के विविध लोकगीत, लोककथा, लोकगाथा, लोकसंगीत, लोकोक्ति, लोक खेल, मुहावरे, किहनी, लोकवार्ता, लोकवाद्य, परम्परा संवाहक, लोक संस्कृति, लोकरीति-नीति, परम्परा, ऐतिहासिक व पर्यटन स्थल, जिलाबार कल्चरल मैप के साथ-साथ वहाँ के दैनंदिन जीवन व जीवन मूल्यों को एक प्लेटफॉर्म पर ला रहे हैं |
आज हिंदुस्तान हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है ऐसे में हमारा लोक एवं उसका विज्ञान तथा दर्शन पीछे क्यों रहे ? लोक ही समस्त भारतीय परम्पराओं, सभ्यताओं और संस्कृतियों का मूल है | दूसरे शब्दों में कहें तो भारत का ह्रदय उसका अपना लोक है, ग्राम्य जनजीवन व संस्कृति है |
‘बघेली लोक दर्शन’ आपको विशुद्ध पारम्परिक लोक के दर्शन कराएगा | हाँ यह हो सकता है कि वो आज के पाश्चात्य संस्कृति की तरह भड़काऊ न हो लेकिन यथार्थ और विज्ञान से भरपूर होगा | वेबसाइट पर आपको सम्पूर्ण बघेलखण्ड के लोकतत्वों का संग्रह तो मिलेगा ही साथ ही साथ इन तत्वों के वीडियो एवं ऑडियो भी “भारत लोक दर्शन” यूट्यूब चैनल पर मिलेंगे जिनका लिंक आपको यहाँ भी उपलब्ध कराया जा रहा है | बघेली लोक दर्शन संपूर्ण विंध्य के लोकतत्वों को प्रस्तुत करने की ओर लगातार प्रयासरत है | इस बावत आप सबके सहयोग और प्रोत्साहन की बेहद आवश्यक्ता है | हम यह सपना समग्रता में देख रहे हैं और समग्रता में ही पूरा करेंगें |